आपने कभी सड़क किनारे बैठे मिट्ठू वाले ज्योतिषियों से अपना भविष्य जाना है। नही न ...शायद आपको उनकी बताई भविष्यवाणियों पर यकीन नही करते होंगे। तो फ़िर मौसम विभाग की भविष्यवाणियों पर यकीन कैसे कर ले। एक बारगी तो मिट्ठू वाले ज्योतिषियों की बातें सच भी हो जाए पर मौसम विभाग की कोई भी बात आज तक सही साबित नही हुई। और हो भी क्यो ए.सी.मे बैठकर गर्मी का हाल भला बताया जा सकता है। इस बार मौसम विभाग ने बारिश न होने की भविष्यवाणी की थी, लेकिन हम सब मौसम वालो के नजरो से बचकर भारत आए बादलो से रोज भीगते है।
मौसम इनके साथ टॉम एंड जेरी का खेल खेलता है। और ये हमेशा ही उसे पकड़ नही पाते। जब मौसम विभाग के एक बड़े अधिकारी से पूछा गया की आप हर बार फ़ैल क्यो हो जाते है? तो उनका कहना था कि हमारा सेलेबस अभी तक नही बदला गया। विदेशो के साइंटिस्ट ग्लोबल वार्मिंग और अल नीनो जैसे कई नए सब्जेक्ट पढ़ते है और उनके पास नए उपकरण भी है। केन्द्र सरकार हर साल स्कूल और कॉलेज के सेलेबस बदल रही है पर मौसम विभाग, मिट्ठू जैसे रटे हुए पुराने नियमो से मौसम को पकड़ने कि फिराक मे रहता है। एक बात मे तो मौसम विभाग का जवाब नही और वो है चेतावनी । चेतावनी वो भी जब मुश्किल सामने आजाये। इनका स्लोगन हम आग लगने पर कुआ खोदते है ...होना चाहिए। इतनी चेतावनी तो कभी ओसामा ने भी अमेरीका को नही दी होगी जितनी मौसम वाले देते है। देश का किसान सबसे पहले मौसम वालो को कोसता है उसके बाद मौसाम फ़िर सरकार फ़िर अपनी किस्मत और आखरी नम्बर भगवान का आता है। कल मेरे दोस्त एक जोक सुना रहे थे ...एक मौसम अधिकारी से पूछा गया कि तापमान कितना है तो उन्होंने अपने जेब से थर्मा मीटर निकाल कर अपने मुह मे लगा लिया। अब ये कब मौसम की कुंडली सही जान पायेगे पता नही ...फिलहाल मिट्ठू विद्या (रटंत) से काम चलाओ।
nice post.
ReplyDeletesahi hai. narayan narayan
ReplyDeleteआपने जिस तरह व्यंग किया है, वह काबिलेतारीफ है। बस लिखते रहें। मेरे ब्लॉग पर भी आएं।
ReplyDeletebahut badhiya.lage rahe prashant ji....
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