
पिछले दिनों मेरे मोबाइल पर एक मेसेज आया ...एक ९७ वर्ष की बुजुर्गे महिला ने लाइफ टाइम सिम खरीदी , इसे कहते है कांफिडेंस। मै सोच मे पड़ गया आख़िर उसने सिम ही क्यो खरीदी कुछ और भी तो ले सकती थी। बहुत सोचने के बाद समझ आया की उसे कांफिडेंस तो था, पर ख़ुद पर नही सल्लुलेर कंपनियों पर। हां भाई, जिस तरह से वो आगे बढ़ रहे है ऐसे तो लगता है की बहुत जल्द वो अपने नेटवर्क टावर स्वर्ग और नर्क मे भी लगा देंगे। तो यहाँ का नम्बर वहा भी काम करेगा। कुछ दिनों पहले अखबार मे पढ़ा था की अब चाँद से भी मोबाइल पर बात की जा सकेगी। मतलब मंजिल पर जाते वक्त पड़ाव मे भी फूल नेटवर्क। और जो कोई जाते जाते कुछ कहना भूल जाए वो पहुच के मोबाइल पर बता दे। श्राद्ध की कोंई जरूरत नही ..मोबाइल पर बात कर लो। इनका नेटवर्क भी वफादार कुत्ते की तरह होगा...जो कभी पीछा ही नही छोड़ता।
ऐसे मे मोबाइल कंपनिया अभी से तैयारी मे है ..स्वर्ग और नर्क मे ब्रांड एम्बेस्टर लिए शायद पृथ्वी पर ही किसी को तलाश ले। स्वर्ग के लिए कोंई आम आदमी और नर्क के लिए कोई नेता । नर्क के लिए नए मोबाइल चलेंगे .. जब नर्क वाले किसी से बात करे तो उनकी चीख्ा की जगह हंसी सुनाइ दे।
ऐसे मे मोबाइल कंपनिया अभी से तैयारी मे है ..स्वर्ग और नर्क मे ब्रांड एम्बेस्टर लिए शायद पृथ्वी पर ही किसी को तलाश ले। स्वर्ग के लिए कोंई आम आदमी और नर्क के लिए कोई नेता । नर्क के लिए नए मोबाइल चलेंगे .. जब नर्क वाले किसी से बात करे तो उनकी चीख्ा की जगह हंसी सुनाइ दे।
चीन के बाद भारत मे सब से ज्यादा मोबाइल उपभोक्ता है। अब चीन से आए मोबाइल फोन्स ने इनकी संख्या और बढ़ा दी है। मेरा दोस्त एक सल्लुलेर कम्पनी मे काम करता है , उसने बताया कि हम लोग एक आदमी को दो, तीन, जितने वो चाहे सिम दे देते है। आदमी की फितरत है वो कुछ भी न करे पर बात करना कभी नही छोड़ता...